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Nitu Mathur

Classics

4  

Nitu Mathur

Classics

तीज श्रृंगार

तीज श्रृंगार

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राधे कृष्ण के प्रेम जैसी बरसे की प्रीत फुहार

मुबारक हो सबको हरियाली तीज का त्योहार 


हरी मेहंदी की खुशबू घेवर की घुले मिठास

जीवन धन में खुशहाली रहे मेरी यही अरदास


हरी चूड़ी लाल बिंदी सर पे धानी ओढ़ी चुनर 

कर श्रृंगार पूरा नाचे सखियां मटकाती कमर


झूला झूले खेल खेलें मस्ती में देखो नाचे गाएं 

आनंद से मन पुलकित रहे खुशियां छा जाएं


रंग बिरंगे मेले का हर चेहरा खिला खिला है

मानो अंतर्मन राधे कृष्ण संग जुड़ा जुड़ा है


आओ सखियों आज मना लें ये तीज रिवाज

ढोल मंजीरों सी गूंजती रहे हर मन की आवाज


तीज तो बस बहाना है नारी के हर श्रृंगार का

अंदर बाहर दोनो सुंदर फिर दर्पण किस काम का।


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