नारी
नारी
सोचो तो पहेली हूं
समझो तो सहेली हूं,
मानोगे तो हाथ पकड़कर
जीवनभर का साथ दूंगी
अपना बनाकर अपनाओगे
तो किनारा बन कर सहारा दूूूूंगी ,
मनाओगेे तो मानूूूंगी
हर गम में सहलाउंगी
कभी करोगे अपमान मेरा
उसे कभी ना बर्दाश्त करूंगी
नारी समझकर कमजोर कहोगे
फिर तुम उसका भूूगतान भरोगे
हक जमाओगे तो ना मानूंगी
अपना वजूद साबित करूंगी!