माँ-बेटी
माँ-बेटी
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रिश्तों की गहराई है,
एक दूसरे की परछाई है,
विश्वास के तारों से सरोबोर
एक दूसरे में ही समाई हैl
कहना नहीं होता कुछ भी
ऐसी समझ आपस में बनाई हैll
बिन कहे
सबकुछ जानती .......वो माँ हैll
बिन सोचे
अपनी दुनिया का पिटारा
बेहिचक खोलती
वो बेटी-----------वो बेटी है 
;ll
संसारिकता से जुडी
एक -दुसरे के दर्पण सी खड़ी
जीवन चक्र के पहियों में
सभी रिश्तों को जोडती चली,
हर -बार अपनी आत्मीयता के साथ
एक दुसरे के लिए
आमने -सामने रहती वो खड़ी
वही तो है ,
ईश्वर के अनुपम रिश्तों की बेहतरीन कड़ी हैl
माँ और बेटी।
Minakshi Prakash