STORYMIRROR

P Anurag Puri

Tragedy

3  

P Anurag Puri

Tragedy

नारी तो नारी होती है

नारी तो नारी होती है

1 min
281

कल नारी ताकत थी

पर आज वो कमजोर है

कल उस पे भक्ति का भाव था और

आज जुल्म का कोप है,

महज कल वो सम्मान की प्रतीक थी

पर आज शर्मिंदगी की मोहताज है ।।

अरे नारी वो है

जो कभी माँ बन के जन्म देती है

तो कभी बहन बन के सारे दर्द मिटाती है

कभी जीवन संगनि बन साथ निभाया

तो कभी बेटी बन के अंतिम समय का सहारा

आखिर नारी वो ममता की मूरत है।

जो सारी खुशी को दूर फेंक तकलीफें अपने जेहेन में समाती है

कभी सती बन अपनी मर्यादा को बचाती है,

तो कभी लक्ष्मी बन धन की वर्षा करती है

कभी सरस्वती का रूप लिए बिद्या देती है

तो रक्षक काली सा बन दुश्मनों का नाश करती है।

महज इन सबसे परे

खुद सर्बश्रेष्ठ होते हुए भी

हमेशा एक श्रेष्ठ पुरुष की प्रेरणा कहलती है,

नारी तो आखिर नारी होती है ।।

अरे ओ नारी दिवस पर जय नारी का नारे लगवाने वालों

आना है तो ये झूट, ये नफरत का मुखोटा उतार के आना

कुछ न कर सको तो न ही सही पर जुबान पे नहीं

बस उनके लिए अपने दिल में सम्मान का दिया जल देना ।।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy