ना रुकना आप
ना रुकना आप
ना रुकना आप बेहतर से बेहतर की तलाश करना
मिल जाये नदी तो समुंदर की तलाश करना
ना रुकना आप कभी मिल जाये मकान तो महेल की तलाश करना
ना रुकना आप कभी मिल जाये बून्द पानी की
तो फिर बारिश की हज़ार बूदों का इंतज़ार करना
ना रुकना आप कभी मिले कांटे राह में तो,
इंतज़ार करना थोड़ी देर राह में फूलों से भी मुलाकात जरूर करना
ना रुकना आप कभी मिल जाये कभी ज़मी तो आसमान की तमन्ना करना
ना रुकना आप कभी मिल जाये राह में
मुश्किल तो प्यार से मुस्कुराना ओर डट कर सामना करना
ना रुकना आप कभी छोटी सी जीत पर,
अभी तो दुनियां को जितना है, जिंदगी में ओर भी रंग भरने है
ना रुकना आप मिल जाये एक मंजिल तो खुश तो बहुत होना
पर हज़ार ओर मंज़िल बना लेना,
फिर उन मंजिल को पाने के लिए उड़ते चले जाना
ना रुकना आप, हा कभी थक जाओ तो ठहर जाना
कुछ पल के लिए फिर नई उम्मीद के साथ फिर चल देना
ना रुकना आप हमेशा ही इन नदियों की तरह
हर मोड़ पर कभी नम्र बनके तो कभी,
खिलखिलाते तो कभी खड़ खड़ आवाज़ करके बस बहते रहना
जिंदगी में फिर देखना कैसे जिंदगी में
मंज़िल मिलती है और मिलने का आनंद आता है ....
ना रुकना आप ......
