ना जाने किस्मत में क्या लिखा हैं
ना जाने किस्मत में क्या लिखा हैं
बहुत कुछ करना चाहती हूं
अनगिनत मेरे सपने है
आकाश को छूने की जिद है
ये सपने ही मेरे अपने हैं
इन सपनों में जान डालना हैं
सिर्फ सपने देखने से क्या होगा
मुझे तो इतिहास बदलना है
तब जाकर कुछ नया होगा
कुछ तो है जो मुझे रोकता है
मानो पैरों में कोई बेड़ियाँ है
आता है पर उड़ नहीं सकतीं
मानो पर कटी कोई चिड़ियाँ है
पहले तो रोक-टोक है आखिर
हम शुरुआत कैसे करेंगे
डर हैं लोगों के तानों का कि
चूक गई तो लोग क्या कहेंगे
संघर्ष अब भी जारी है
हार कर कभी थक जाती हूं
आगे बढ़ना जरूरी है क्योंकि
मैं एक नया कल चाहती हूं
उड़ान तो ऊंची है लेकिन
इन बेड़ियों ने बांधे रखा हैं
बस एक मौके की तलाश हैं
ना जाने किस्मत में क्या लिखा हैं