मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं !
मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं !


जिंदगी तो एक मुसीबत है
मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं !
पत्थरो तुम्हे क्यूँ पूजूं
तुमसे भी तो मिला कुछ भी नहीं !!
रोया तो बहुत हूँ आज तक
अब भी रोता हूँ नया कुछ भी नहीं !
चाहा तो बहुत कुछ था मैंने
कोशिश की पर कर न सका कुछ भी नहीं !
प्रेम है तो सब के अन्दर
पर इस दुनिया में प्रेम से बुरा कुछ भी नहीं !
ये दौर है आज कलयुग का
जिसमे धोखा फरेब के सिवा कुछ भी नहीं !