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Sanjay Bhaskar

Others

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Sanjay Bhaskar

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माँ की जलती हथेलियाँ

माँ की जलती हथेलियाँ

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वर्षो से जलती रही हथेलियाँ

माँ की 

सेंकते- सेंकते रोटियाँ 

मेरे पहले स्कूल से लेकर आखिरी कॉलेज तक  

सब याद है मुझे आज तक 

बड़ी सी नौकरी और मिल गया बड़ा सा घर 

जिसे पाने के लिए सारी -सारी रात लिखे पन्ने 

अनजानी काली स्याही से 

पर सब कुछ होने पर 

नहीं भूलती

माँ की जलती हथेलियाँ....!!






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