मुलाकात करेंगे
मुलाकात करेंगे
मुश्किल है मिलना क्योंकि तू दिन है तो मैं रात हूँ,
तो चल शाम बनकर मुलाकात करेंगे।
मौका मिले तो याद कर लेना तू मुझे,
और तुझे हम भी कुछ यूँ याद करेंगे।
मसरुफ हो जाएंगे इस गुलशन में अगर,
सपनों में ही मिलने की फरियाद करेंगे।
मैं अंधेरा फैलाता जो अमावस का अंधियारा हूँ,
तुम ठहरी उजियारे में जैसे रात चांदनी की हो।
तुम मिल कर गुम कर देना अंधियारे को,
फिर पुर्णिमा के उजियारे में मुलाकात करेंगे।
तुम बन जाना फिर बौछार बूंदों की,
मैं आसमान का बादल बन जाऊँगा।
और फिर भरी बरसात में मुलाकात करेंगे।
फुरसत हो तो तुम आ जाना ख्वाबों में,
मेरा अक्सर हक़ीकत में आना जाना है।
ना मिले गर दुनिया में तो जन्नत में मुलाकात करेंगे।