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Manthan Rastogi

Romance

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Manthan Rastogi

Romance

मुकम्मल मोहब्बत

मुकम्मल मोहब्बत

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आंखों से शुरुआत हुई थी

धीरे फ़िर मुलाक़ात हुई थी

होन्ठो ने ना नगमे छेडे

महज़ दिलों की बात हुई थी

तेरे चेहरे में चंदा था


मानो दिन में रात हुई थी

ये कल की ही बात है शायद

जब तुम मेरे साथ हुई थी


बहुत रुलाया और मनाया

कभी गम या फ़रहात हुई थी

जब जब भी खुराफ़ात हुई 

मेरे संग कायनात हुई थी

ईश्क मलंगी माना फ़िर भी


बिगड़े से हालात हुये थे

दोनों ने क्या खूब सँभाला 

जब जब भी वो रात हुई थी

ये कल की ही बात है शायद

जब तुम मेरे साथ हुई थी


सुनो ज़रा तुम यार ओ जाना

तुम इकलौता प्यार हो जाना

इतना तो आसान नहीं है

यू कोई संसार हो जाना


पर तुम काफ़ी उल्फ़त हो

मेरे गम खुशियां सब तुमसे 

मोहब्बत तुम मोहब्बत हो

जब से तुम मेरे साथ हुई थी


ये कल की ही बात है शायद

जब तुम मेरे साथ हुई थी

ये कल की भी बात ही होगी 

जब तुम मेरे साथ में होगी।


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