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Ervivek kumar Maurya

Romance Tragedy

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Ervivek kumar Maurya

Romance Tragedy

मुझसे जुदा होकर कैसे जिओगे

मुझसे जुदा होकर कैसे जिओगे

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कहीं खो गए हो तुम

फिर न मिलोगे

मुझसे जुदा होकर

कैसे जियोगे

बहुत आहिस्ते से तूने

मुझको पुकारा था

करके फोन मुझको

सारा हाल बता डाला था

क्या तुम अब भी मुझको

याद हो करते

यही उनका मुझसे सवाल

पुराना था

मैंने कहा जानम सुन लो 

मेरी बातें

मैं प्यार जितना करता हूं

क्या करते होगे

मुझसे जुदा होकर 

कैसे जियोगे


तेरे न होने से मुझपे

छाई उदासी

तेरे संग जीने को 

ये जिंदगी ह

ै प्यासी

खोये खोये तुम हो 

खोये खोये हम हैं

तुम मुझसे गुम हो

मैं तुझमें गुम हूं

क्या बताओ साहब

कैसे मिलोगे

मुझसे जुदा होकर 

कैसे जियोगे


हां ,सच कह रहा हूं

तुझे भुलाना नामुमकिन है

पर तेरे पास आने को

ये दिल सोचता हर दिन है

ख्वाबों की मलिका तुम

मेरी प्यारी सी जन्नत हो

जो खुदा से है मांगी

वो प्यारी सी मन्नत हो

मेरे साथ सात कदम

तुम क्या चलोगे

मुझसे जुदा होकर 

कैसे जियोगे।


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