मुझे बतलाओ ना।
मुझे बतलाओ ना।
खुश होने की कोशिश करके मुझे बहलाओ ना।
हमराज बनाके तुम अपना मुझे अाजमाओ ना।।1।।
क्यों अश्कों के सहारे अपनी बात कह रहे हो।
अगर कोई बात है तो उसे जुबान पर लाओ ना।।2।।
क्यों यूँ पल में खुश पल में गमज़दा हो रहे हो।
अपनी जिंदगी का हर लम्हा मुझे बतलाओ ना।।3।।
ये अश्क नहीं मोती हैं तुम्हारे सुनहरें ख्वाबों के।
इन्हें ऐसे ही बेवजह अपनी आंखों से गिराओ ना।।4।।
कोई ना कोई तो बात है दिल में आपके जरूर।
यूँ ऐसे झूठे बहानों से अपने मुझे झूठलाओ ना।।5।।
यूंही तो बेवजह दिल किसी का ऐसे होता नहीं।
आँखें क्यों रोयीं है तेरी दर्द से मुझे बतलाओ ना।।6।।

