मुझे अच्छा लगता है
मुझे अच्छा लगता है
तुम्हारी झीनी झीनी सी याद की
बौछार में नहाना अच्छा लगता है...
मन के तरंग को अश्कों से सजाना
अच्छा लगता है
एक लय के वितान पर दर्द की रिधम में
कोई कविता सी उभरती तुम्हारी
यादों को दिल की सतह पर सहलाना
अच्छा लगता है
उदासीन नग्मों सी ठहरती है होठों पर
यादें तब
मुस्कुराते गुनगुनाना अच्छा लगता है
सपनों की गलियों में घूमते तुमसे
मिलना अच्छा लगता है,
अच्छे लगते है फासले तुम्हारी
यादों में जीना अच्छा लगता है
करवटों में जो काटे तुम्हारी याद में
वो रतजगे अच्छे लगते है,
हर पहर में घड़ी की टिक टिक पर
तुम्हारी आहट पे चौंकना अच्छा लगता है
मेरे याद करने पर तुम्हें हिचकियों के
झुले में झुलते देखना अच्छा लगता है
मुझे तुम्हारी यादों की दुनिया में विचरना
अच्छा लगता है।।
"तुम से तुम तक का सफ़र मेरी ज़िंदगी"

