मुझ को प्यारी है ऐसी दोस्ती
मुझ को प्यारी है ऐसी दोस्ती
पहली किरण है चेहरा तेरा
तुझ पर रहे ये नज़र मेरी।
मन का सुकून है ये आँखें तेरी
मुझ को प्यारी है ऐसी दोस्ती तेरी।
हवा छू लायी है ये खुश्बू तेरी
खुश हूँ जब से दोस्त बनी मेरी।
नटखट नारी तुम खट्टी कैरी
मुझ को प्यारी है ऐसी दोस्ती तेरी।
मेरा ध्यान तुम से हट ना जाये
बात ऐसी कभी तुम को ना भाये।
तुम इगनोर करो मर्ज़ी तेरी
मुझ को प्यारी है ऐसी दोस्ती तेरी।
संशय दुविधा है बहुत सारी
मन हो जैसे तलवार दो धारी।
फिर भी है प्रेम मन में घनेरी
मुझ को प्यारी है ऐसी दोस्ती तेरी।
