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Pawanesh Thakurathi

Classics

3  

Pawanesh Thakurathi

Classics

मुहब्बत में

मुहब्बत में

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शूल फूल बन गये

अंधेरे धूल बन गये

हर जगह खिली-खिली सी

धूप नजर आती है

क्या मुहब्बत में दिलों से

ऐसी ही खबर आती है।


चुप्पी इक राग बन गई

उदासी फिर आग बन गई

लगता है जहाँ-तहाँ

खूब लहर आती है

क्या मुहब्बत में दिलों से

ऐसी ही खबर आती है।


सब कुछ अच्छा ही अच्छा

सब कुछ सच्चा ही सच्चा

बन बच्चा ही बच्चा

मुस्कान उभर आती है

क्या मुहब्बत में दिलों से

ऐसी ही खबर आती है।


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