मुहब्बत की दुनिया
मुहब्बत की दुनिया
मेरे दिल में तेरी यादों का
दम तोड़ दे जो,
वो जहर कहां से लाऊं !
जज्बातों से चलती हो
जहाँ दुनिया,
मुहब्बत का वो
शहर कहां से लाऊं !
वो जो कहते हैं कि
जायज हैं ये रश्में,
उन अपनों से बगावत का
हुनर कहां से लाऊं !
मेरे दिल में तेरी यादों का
दम तोड़ दे जो,
वो जहर कहां से लाऊं !
जज्बातों से चलती हो
जहाँ दुनिया,
मुहब्बत का वो
शहर कहां से लाऊं !
वो जो कहते हैं कि
जायज हैं ये रश्में,
उन अपनों से बगावत का
हुनर कहां से लाऊं !