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Shiwani Kumari

Tragedy

3  

Shiwani Kumari

Tragedy

मुहब्बत की दुनिया

मुहब्बत की दुनिया

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मेरे दिल में तेरी यादों का

दम तोड़ दे जो,

वो जहर कहां से लाऊं !


जज्बातों से चलती हो

जहाँ दुनिया,

मुहब्बत का वो

शहर कहां से लाऊं !


वो जो कहते हैं कि

जायज हैं ये रश्में,

उन अपनों से बगावत का

हुनर कहां से लाऊं !


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