कविता
कविता
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जब चाँद उबासियाँ
लेने लगता है
शजर की ओट में ..
तब दुनिया के निःशब्द
शोर से
मन में उठे हिलोर से
भावनाओं की छोर से
जन्म लेती है कविता!
कर सको तो करना!
मेरे मौन का अनुवाद
मेरी कविताओं का भी
अर्थ स्पष्ट हो जाएगा!