मर मिट्या बलीदानी
मर मिट्या बलीदानी


भारतको आजादीलाई, मर मिट्या बलीदानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।धृ।।
अठरासौ सत्तावनमा, झाँसी भयीती बिरानी
झाँसी रानीकी हड़पीन, इंग्रजकी मनमानी ।।
युद्ध अंतिम श्वासवरी , खुब लड़ी मरदानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।१।।
आयकके कारतूसमा, चर्बी डुक्कर गायकी
बाग लेफ्टीनेंटला मंग, गोली लगी सैनिककी ।।
फाँसी लगी अमर भयो, मंगल पांडे सेनानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।२।।
जमा करीस धनगर, भील रामोशी नाईक
अंग्रेजी सेना विरोधमा, भयी लड़ाई कईक ।।
वासुदेव बलवंत की, जेलमाच मौत ठानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।३।।<
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चाफेकर तीन भाईन्न, गोलीलका भूनकर
यमघाट पोहचाईन, रेंड प्लेग कमीश्नर ।।
फाँसी पर लटककर, भयी अमर कहानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।४।।
भगतसिंग सुखदेव, राजगुरूको जीवन
चंद्रशेखर आजादको, होतो पुरो समर्पन ।।
मायभूमीलाई शहीद, याच उनकी निशानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।५।।
भारत छोड़ो आंदोलन, गांधीजीको प्रभावमा
मिली आझादी भारतला, सत्य अहिंसा भावमा ।।
येन स्वातंत्र्य समरमा, गयी कयी जिंदगानी
वीर सपुतइंकी जरा, याद करो कुरबानी ।।६।।