मोहब्बत
मोहब्बत
चुपके से आकर दिल में उतर जाते है।
सांसों में खुशबू बन के बिखर जाते है।
हवाओं में भी इश्क़ मिलने लगाता है।
तब कर, महसूस तुम्हें निखर जाते है।
राह-ए-उल्फ़त में नहीं रहा अकेला मैं
यादों की गठरी रख साथ संवर जाते है।
सबर रखते ख़ुदा का शुकर करते चलो
तब दुःख का अब्र जल्द गुजर जाते है ।
मोहब्बत ,इश्क़, प्यार करते नहीं हो जाते है
इस राह में कोई निखर तो कोई बिखर जाते है ।

