मोहब्बत
मोहब्बत
मेरी ऊंची मंजिल के लिए,
अब कोई दुआ करता नहीं।
करता है अभी भी मोहब्बत,
लेकिन मुझ पर मरता नहीं।
डर में जीना पुरानी बात है,
पर अब मुझ से डरता नहीं।
पहले से ज्यादा केयरफुल है,
अब मुझसे वो लड़ता नहीं।
कहता है तुम बदल गई हो,
पहले की तरह सुघड़ता नहीं।
अगर सच्चाई ना देखता खुद से,
तो शायद अब भी बदलता नहीं।
अपनो का साथ हो तो सब मुमकिन है,
ख्वाहिशों में कोई उड़ान भरता नहीं।
आंखों की पट्टी खुली होती पहले,
तो आज इतना नीचे गिरता नहीं।

