मोहब्बत की बारिश
मोहब्बत की बारिश
मोहब्बत के इंतज़ार हैं
लम्बे फिर बेबस अश्क बरसते हैं।
लिपट कर लिबास में
यहाँ दिलों के दर्द बरसते हैं।
मिलन की सूरतें जब नहीं कोई
तो यादों के बादल बरसते हैं।
वो अपना है मगर नाहासिल
ताउम्र नाकामी में ग़म बरसते हैं।
ये मोहब्बत वो बारिश है,जानाँ
जिसमें रूहों के बंजर बरसते हैं।