तेरे लबों
तेरे लबों
तेरे लबों पर तो सौगात हो,
जो लिखे मुझे दिल के हालात हो।
उनमें तेरे आभास का खुमार हो,
जो दिल के दरिया में तैरते नज़र आएं।
तेरी जुबां से नए अल्फाज़ निकलें,
जो दिल की गहराइयों में बिखर जाएं।
तेरी हंसी से जिंदगी में रौनक हो,
जो दिल की गुमसुमी को दूर कर जाएं।
तेरे लबों पर एक नया आसमान हो,
जो दिल के दरिया में उमंग भर जाएं।
तेरी नज्मों से दिल में सुकून हो,
जो दिल की तकलीफों को भुला जाएं।
तेरे लबों पर मेरा सलाम हो,
जो मेरे दिल के दरवाज़े पर आएं।
तेरी मोहब्बत से मेरा दिल जलता हो,
जो दिल को सदा जीने का बहाना दे जाएं।