इनायत
इनायत
उनकी नजरें इनायत ही बहुत है
हम को ये थोड़ी सी चाहत बहुत है....!
कौन रखे उम्र भर के रिश्तों का हिसाब
याद रखने को बस इक मुलाक़ात बहुत है...!
उनके करार का हम कहा से करे इंतजाम
जब खुद की ही, बेकरारी के हालात बहुत है.....!
दिल की धड़कन बढ़ा जाती है, तेरी ही बातें
पर तुम से ही मुझ को राहत बहुत है....!