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Mansi Singh

Others

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Mansi Singh

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इश्क की दास्तां

इश्क की दास्तां

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इश्क की इक नई दास्तां लिखने बैठा हूं 

कुछ शब्द ख़ास कुछ अल्फाज़ चुने बैठा हूँ


इक लफ्ज़ जो दिल की धड़कन से भरा है

उसे समझाने के लिए फ़साना बनाने बैठा हूँ


वो जिंदगी का सबसे हसीन लम्हा जिसमें मिलें 

उसके एहसासों को शब्दों में बयान करने बैठा हूं


किसी के लिए इश्क़ जीत जैसे होता है 

किसी को लिए हार मगर मैं बस प्यार को जानने बैठा हूँ


इश्क की उलझनों से थक कर जब आराम चाहता हूं

कुछ शब्दों की मदद से उसे समझने बैठा हूं। 



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