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Rajit ram Ranjan

Romance

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Rajit ram Ranjan

Romance

मोहब्बत का इकलौता गवाह हूँ...

मोहब्बत का इकलौता गवाह हूँ...

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मेरी जान तुम्हें मालूम नहीं... 

इस दिल के दर्द की दास्ताँ... 

बड़ा कठिन है ये रास्ता, 

मगर दिल को है इसपे आस्था, 

कैसे कहूँ, 

अब ये किसे सुनाऊँ....

मैं जो दुखड़ा हूँ.... 

तेरी बाहों से जबसे बिछड़ा हूँ.... 

आलिशान मोहब्बत वाले रौब के मकान से उजड़ा हूँ.... 

सफ़र में हूँ,पर पता नहीं कहा हूँ....

महफ़िलो के शोर का मैं ही इकलौता गवाह हूँ.... 

सफ़र में हूँ,पर पता नहीं कहा हूँ.... 

मैं आज भी तन्हा हूँ....3!



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