मोहब्बत का दस्तूर
मोहब्बत का दस्तूर
मानो ज़िन्दगी में आई जैसे बहार देखते है
जानो मेरे दर्दे दिल का सब करार देखते है।
खड़े हो क्यों उदासी की तस्वीर बनकर
प्यार की पतंग बन जीवन का आधार देखते है।
पलकें झुकाए हो नजरे उठाकर ज़रा देख लो
अबके सावन इश्क़ में साथ झूले दार देखते है।
हँसना है तुम्हारे साथ तमाम उम्र मगर जी लो
मेरी इज्ज़त हो अजीब मझधार देखते है।
ज़िन्दगी का हर नया सफ़र तुमसे शुरू हो
सच तेरे साथ सुखों से भरा हार देखते है।
दिल दरिया बने मेरा लब पर हँसी तुमसे हो
प्यार की राह में खुशियों की भरमार देखते है।
ज़िन्दगी के हर लम्हा बस तुमसे निखरता हो
क़ुदरत भी हो परेशां इस क़दर प्यार देखते है।
प्यार करने वालों को किसने मजबूर देखा हो
ज़माना निराली मोहब्बत को मजेदार देखते है।
जुदाई के सदमों से हर दिल को चूर देखा हो
जब अपनी दुनिया से *नीतू* को जार जार देखते है।