Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nitu Rathore Rathore

Abstract Romance Others

4  

Nitu Rathore Rathore

Abstract Romance Others

मोहब्बत का दस्तूर

मोहब्बत का दस्तूर

1 min
346


मानो ज़िन्दगी में आई जैसे बहार  देखते है

जानो मेरे दर्दे दिल का सब करार देखते है।


खड़े हो क्यों उदासी की तस्वीर बनकर

प्यार की पतंग बन जीवन का आधार देखते है।


पलकें झुकाए हो नजरे उठाकर ज़रा देख लो

अबके सावन इश्क़ में साथ झूले दार देखते है।


हँसना है तुम्हारे साथ तमाम उम्र मगर जी लो

मेरी इज्ज़त हो अजीब मझधार देखते है।


ज़िन्दगी का हर नया सफ़र तुमसे शुरू हो

सच तेरे साथ सुखों से भरा हार देखते है।


दिल दरिया बने मेरा लब पर हँसी तुमसे हो

प्यार की राह में खुशियों की भरमार देखते है।


ज़िन्दगी के हर लम्हा बस तुमसे निखरता हो

क़ुदरत भी हो परेशां इस क़दर प्यार देखते है।


प्यार करने वालों को किसने मजबूर देखा हो

ज़माना निराली मोहब्बत को मजेदार देखते है।


जुदाई के सदमों से हर दिल को चूर देखा हो

जब अपनी दुनिया से *नीतू* को जार जार देखते है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract