जीना चाहती हूँ अब खुद के साथ चाहे अब कोई साथ दे या ना दे..।। जीना चाहती हूँ अब खुद के साथ चाहे अब कोई साथ दे या ना दे..।।
जितना है पास.. पहले उसका मजा लीजिये जितना है पास.. पहले उसका मजा लीजिये
था मज़ेदार बहुत ये खेल लुक छिपी बचपन की। था मज़ेदार बहुत ये खेल लुक छिपी बचपन की।
टन-टन करता स्कूल का घंटा टीचर जी का मोटा सा डंडा टन-टन करता स्कूल का घंटा टीचर जी का मोटा सा डंडा
खूब हंसेगा खूब खेलेगा मां का शेर कहलाएगा। खूब हंसेगा खूब खेलेगा मां का शेर कहलाएगा।
जीवन कितना मजेदार था। याद करके देखो। जीवन कितना मजेदार था। याद करके देखो।