STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

3  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

मोहब्बत का दिवाना

मोहब्बत का दिवाना

1 min
230

तेरी मुहब्बत का दिवाना बना हूँ ,

मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।

मुहब्बत की आग में बहोत तड़पा हूँ ,

मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।..

ठोकरें खाई है मुहब्बत की राह में,

पथ्थरें खाकर मै ज़ख़्मी बना हूँ , 

ज़ख्म का इलाज़ कराने के लिये मै,

मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।

ढूंढता था तुज़को सूनी गलियों में, 

बन के मुसाफ़िर तेरे शहर आया हूँ , 

तेरी मुहब्बत को पाने के लिये मै,

मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।

तुझे पानेके लिये बहोत भटका मै,

तड़प तड़पकर बहोत पटका हूँ ,

तड़प दि लकी मिटाने के लिये मै,

मज़नू बनकर तेरे पास आया हूँ ।

तु मेरी माशुका, आशिक तेरा मै,

तुझे पाने के लिये बेहाल बना हूँ ,

मेरी मल्लिका बनाने के लिये मै,

मज़नू बनकर तेरे पास आया हूँ ।

          


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance