मोहब्बत का दिवाना
मोहब्बत का दिवाना
तेरी मुहब्बत का दिवाना बना हूँ ,
मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।
मुहब्बत की आग में बहोत तड़पा हूँ ,
मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।..
ठोकरें खाई है मुहब्बत की राह में,
पथ्थरें खाकर मै ज़ख़्मी बना हूँ ,
ज़ख्म का इलाज़ कराने के लिये मै,
मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।
ढूंढता था तुज़को सूनी गलियों में,
बन के मुसाफ़िर तेरे शहर आया हूँ ,
तेरी मुहब्बत को पाने के लिये मै,
मजनू बनकर तेरे पास आया हूँ ।
तुझे पानेके लिये बहोत भटका मै,
तड़प तड़पकर बहोत पटका हूँ ,
तड़प दि लकी मिटाने के लिये मै,
मज़नू बनकर तेरे पास आया हूँ ।
तु मेरी माशुका, आशिक तेरा मै,
तुझे पाने के लिये बेहाल बना हूँ ,
मेरी मल्लिका बनाने के लिये मै,
मज़नू बनकर तेरे पास आया हूँ ।

