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Amol Nanekar

Tragedy

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Amol Nanekar

Tragedy

मंजिल अभी दूर हैं

मंजिल अभी दूर हैं

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मंजिल अभी दूर है

यहाँ पर बनना किसान

अब नहीं है आसान

कहते हैं किसान 

देश का कोहिनूर है

पर मेरे बच्चे अब भी

रोटी से दूर हैं

मंजिल अभी दूर है

कर्ज को लेकर

होता है बवाल

कोई हर बार

उठाता है सवाल

लेकिन अगर सबको होगा

सही में हमारा ख़याल

तो फिर हर बार 

क्यों होता है हाल बेहाल ?

सारे जगत को 

देते हैं हम प्याज

पर हम चुकाते है

आंसुओं का ब्याज

लेकिन एक बार देखो

हमारे ग़म

हम नहीं किसी से कम

क़ुदरत का होता है कहर

इसलिए मजबूरन हम

लेते हैं जहर

जो सब घरों में

लाते हैं खाना

उसे हर दिन हैं

आँसू यहाँ बहाना

अब सबको है सोचना

सबको है पूछना

मंजिल अभी दूर है

किसान बहुत मजबूर है

   


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