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Phool Singh

Tragedy

4  

Phool Singh

Tragedy

शहर का जीवन

शहर का जीवन

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बेरंग होता शहर का जीवन 

सुख शांति ना चैन यहाँ 

ना हरियाली का नाम कहीं 

वायु भी ना स्वच्छ यहाँ || 


पक्षियों की चहचाहट नहीं 

झरनों की ना आवाज यहाँ 

वाहनों की बस ध्वनि गूँजती 

ना पल भर की भी शांति यहाँ ||


चकाचौंध सी जिन्दगी है 

ना दिन-रात का फर्क यहाँ 

एकल हो सब जीवन जीते 

ना परिवारवाद की सौगात यहाँ ||


अपनी जिंदगी में सब व्यस्त है 

रहते आस-पड़ोस से अंजान यहाँ 

कितनी बड़ी कोई घटना घट जाए 

ना किसी को खबर यहाँ ||


मशीन के जैसी जिन्दगी सबकी 

सुबह से शाम तक सब व्यस्त यहाँ 

दिन चढ़ते सब घर से निकले 

ना रात को भी आराम यहाँ ||


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