STORYMIRROR

Phool Singh

Tragedy

4  

Phool Singh

Tragedy

स्वच्छ भारत

स्वच्छ भारत

1 min
292


बड़े जोश के संग सरकार ने अपनी 

स्वच्छ अभियान चलाया था

स्वच्छ बनेगा अब अपना भारत 

सुंदर सपना दिखाया था ||


जन-जन का इसमे पैसा लगा

तब ये मूर्तरूप में आया था

बड़े पैमाने पर चला देश में

नयी सोच का डंका बजाया था ||


अच्छी कोशिश बदलाव की थी ये 

विज्ञापन पर खूब दिखाया था 

कहीं-कहीं तो प्रभाव दिखा 

पर सबके समझ ना आया था ||


स्वच्छ होगा कैसे देश हमारा 

जब कूड़ा-कचरों गली-सड्को पर फैक के आया था  

गंदगी का अम्बार लगाकर 

हर जन खुशियाँ खूब मनाया था ||


इधर-उधर कर थूक के सब 

मार्ग भी गंदा करके आया था 

एक-दूजे पर दोष लगाकर 

हर नागरिक मुस्काया था ||


स्वच्छ भारत, अगर चाहिए तो

सबको आगे आना होगा

शर्म छोड़कर साफ-सफाई पर 

ध्यान थोड़ा लगाना होगा ||


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy