चांदनी
चांदनी
शायद धरती पर आसमान से
एक चांदनी उतर आयी है
खूबसूरत ही वो इतनी है
यह बात पूरी दुनिया में लहरायी है
कोई तितली कहता हैं तो कोई फुल
पर वो तो चांद की परछाई है
किसे पता कहाँसे आयी हैं
पर आज उसने मुझसे आंख मिलाई हैं
चाहत थी हमें बसंत की
पर हर मौसम बेदर्द मिला।