चयन
चयन
मेरी एक तरफा मोहब्बत
शायद कभी छुप नहीं सकती,
तेरे सामने आते ही आनेवाली बैचनी
शायद कभी रूक नहीं सकती,
मेरी शायरी जो भी कहती है
वो शायद कभी मैं कह नहीं सकता।
मेरे लिए तू खूदा से कम नहीं है
तेरे बारे में मैं कभी बुरा सोच नहीं सकता
तेरे चयन का मैं सम्मान करता हूं
तेरी नापसंद यदि मैं हूं,तब भी मैं कहूंगा
तेरा चयन कभी ग़लत नहीं हो सकता।
तेरी पसंद कोई परिश्ता ही होगा
मेरे जैसे आम नहीं हो सकता।