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writersurya Perke

Tragedy

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Tragedy

आईना

आईना

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लिखता हूँ मै जो वो मेरे दिल कि आवाज है

मेरा लिखा जो पढ़े कोई खुश तो कोई नाराज है

यहा बात सच की हो रही है जनाब

झूटों कोई काम नहीँ

कुछ हैं सच बोलने वाले यहां लेकिन

उनका कोई नाम नहीं

झूंट कंधे पर उठाया जाता है

सच पैरों तले छुपाया जाता है

झूटों का झूठ सच साबित करने को

बुलाते हैं सब सच बोलने वाले को

झूठ का बाज़ार हर तरफ दिखता है

सच न जाने कहा जाके बिकता है

हमने भीड़ मे उतारें झुट के नकाब

हम सच्चाई को रोक न पाए

हम तो आईने मे खुद को देख रहे थे जनाब

आप क्यों अपना सर् बीच मे ले आए.


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