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Geeta Tiwari

Tragedy

4  

Geeta Tiwari

Tragedy

वो छोटा बच्चा

वो छोटा बच्चा

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दूर बच्चों की टोली देख के

मन उसका भी मचल गया था,

मैं भी पढ़ने जाऊंगा 

ऐसा सपना वो देख गया था,

कब होगा ख़तम, देश में बालश्रम।


उसकी उम्र न देखी किसे ने

सबका अपना स्वार्थ है,

सपनो का वो गाला घोंट रहे 

उसका क्या अपराध है,

जिन कन्धों पर बस्ते सजते

पड़ गया कैसा भार है,

मत रौंदो तुम बचपन मेरा 

उसकी यह फरियाद है,


नन्हे हाथ से टेबल पोंछे 

ढाबे का वो छोटा था,

बर्तन धोके हाथ घिस गया

किस्मत का वो खोटा था,

कब होगा ख़तम देश में बालश्रम।



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