मन तो मन है आकर्षण का
मन तो मन है आकर्षण का
मन तो मन है आकर्षण का,
कभी उमड़ा तो कभी शान्त।
दृश्य इसकी कल्पना है,
और मंथन इसका सार।
मोहब्बत को इतना ही इंतजार,
तू वादा निभाने आ जान निसार।
दिल तेरी दुआ में धड़कन बना प्यार ,
गनीमत ना हो जिन्दगी तेरे बगैर नाकाम।
हमारे लबों पे नाम तेरी दिल्लगी हो,
तो सजदा कर आकर तमन्ना जिंदगी हो।

