मन सुन..!
मन सुन..!
ओ रे
भोले मन सुन
अब उतना भी तो
मासूम न रहा तू।
अब तो तूने सब जाना सब समझा
तूने जो चाहा सब छोड़ा
अब बस...
और कुछ मत कर तू
रे मन सुन
अब उतना भी
मायूस न रहा तू
तू बस..
अब मुड़ मुड़ कर देखना छोड़ दे
रुक रुक कर चलना छोड़ दे
देख सितारे तेरे
जमीन पर लहलहाते हैं
वे आंसू अब नहीं कहलाते हैं।
रे मन सुन
अब बस..
