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Prafulla Kumar Tripathi

Drama Horror Action

4  

Prafulla Kumar Tripathi

Drama Horror Action

मन का खेल

मन का खेल

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1- ठिठक खड़ा मैं हुआ, 

सामने वह जब आया।

भूत प्रेत सा लगा, 

देखकर उसका साया।।


2- चीख निकलने वाली थी कि , 

मन सुमिर पवन सुत आए।

आनन फानन मंत्र सिद्ध सा, 

बिपदा दूर भगाए।।


3- जब जब ऐसा लगा बाद में, 

भूत पिशाच निकट में आएं।

किसी यंत्र स्वचलित सा होकर, 

हनु चालीसा सुनाएं।।


4- भय से मुक्ति मिलेगी सबको, 

नव ऊर्जा मिलती है तन को।

मन का ही सब खेल ये समझो, 

विकसित कर अपने जीवन को।।


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