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Nisha Nandini Bhartiya

Drama

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Nisha Nandini Bhartiya

Drama

उम्र पचास के ऊपर की

उम्र पचास के ऊपर की

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उम्र पचास के ऊपर की

बड़ी हसीन होती है

आधी तो तो कट चुकी

चौथाई बाकी होती है।

जीवन जीने की लालसा

कुछ करने की इच्छा

जाग चुकी होती है

अनुभव के आधार पर

सीख लेते हैं जीवन जीना

अब न कुछ कमी

दिखाई देती है।

उम्र पचास के ऊपर की

बड़ी हसीन होती है।

याद आते हैं बचपन के

साथी सभी

घूमना हाथ में हाथ लेकर

और इठलाना कभी

अगर हो ऐसे सरल साथी

तो निर्धन की जिंदगी

सोना बन जाती है।

उम्र पचास के ऊपर की

बड़ी हसीन होती है।

भूलकर इस बात को

कि लोग क्या कहेंगे

करते हैं वही जो

अपने मन में आती है

परवाह नहीं सफेदी की

यह तो बिना उम्र के भी

अपना रंग दिखा देती हैं

जीते हैं भरपूर इस उम्र को

यह तो खुली किताब होती है।

उम्र पचास के ऊपर की

बड़ी हसीन होती है।

     


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