कॉलेज के दिन
कॉलेज के दिन
कुछ झुटे,कुछ सच्चे वादे है
यकींन तो नहीं,पर ठाम इरादे है
सौदेबाजी भरी ज़िन्दगी में
ये बेहिझक यारी के किस्से
कहाँ दोहराएंगे
जी भरके जी लो यारो
ये कॉलेज के दिन
दुबारा थोड़ी ना आयेंगे
भागती ज़िन्दगी में
फुर्सत किसे है
प्यार तो है,
पर हिम्मत किसे है
बस एक दोस्ती का
रिश्ता दिल से निभाते हैं
यारी बिना जीने की
आदत भी किसे हैं।
ये सारे हसीं लम्हे बस
याद बनके रह जायेंगे
रोकना चाहो जितना पर
आंखें भीगा जायेंगे
मंजिल का तो पता नहीं
पर रास्ता जरुर चल जायेंगे
जी भरके जी लो यारो
ये कॉलेज के दिन
दुबारा थोड़ी ना आयेंगे।
