मन का बादशाह
मन का बादशाह
खामोशी के अल्फाजों मैं,
सिर्फ और सिर्फ जिक्र तेरा।
रूह ऐ फलक पर,
एहसासों का रंगीन जमा पहन,
अब तो बन ही गया तू
इस तड़पते मन का बादशाह भी मेरा।
इश्क की दीवारों को नेह प्रेम से सींच,
लिखकर मांगती हूं,
अर्श से फर्श तक सिर्फ तेरी मोहब्बत की ही दुआ।
आजाद कर गमों के अंधोरों को,
और भर दे खुशियां की झोली
बनकर बफाओं का फरिश्ता।
वरना ताउम्र तेरे एक पल के दीदार को
हर पल तरसता रहेगा ये मनवा।

