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Krishna Khatri

Romance

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Krishna Khatri

Romance

मन बावरा

मन बावरा

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सुन ऐ सांवरे 

तू तो

यहां से आए 

वहां से आए 

फिर भी मन मेरा बावरा

तरसे तेरे दरस को 

अब तो आके मिल सांवरा


जब आए तो भी तरसाए 

जाए तो भी तरसाए 

क्या रहस्य है -

तेरे आने जाने में 

तू पलक झपकते आता है 


सांस छोड़ते ही जाता है

अब तुझे मैं भला -

रोकूं भी तो कैसे रोकूं ?


यदि सांस रोकूं तो 

दम घुटता है 

जितना तू सरल है 

उतना ही कठिन है 

मेरा ये बावरा मन 

है तेरा ही बावरा 

ढूंढ़ता रहता है 

हर पल तुझको !


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