STORYMIRROR

Kumar Vinod

Romance Inspirational

4  

Kumar Vinod

Romance Inspirational

मिठास तो थी तुझमें

मिठास तो थी तुझमें

1 min
208

मिठास तो थी तुझमें मगर कभी घोला नहीं मैंने, 

कितने सच्चे अहसास थे तुझमें कभी तोला नहीं मैंने। 


क्या कुछ ना कहना चाहा होगा, 

मगर कभी बोला नहीं तुमने। 


हंसते मुस्कुराते चेहरे के पीछे

तुमने इक दर्द छुपा कर रखा था, 

मैं भी कितना नादान था, 

उस दर्द को कभी टटोला नहीं मैंने। 


मेरी गलतियों पर भी मुझसे

माफी तुमने ही मांगी, 

मेरे गुनाहों के लिए मुझे माफ़ कर दो

ऐसा कभी बोला नहीं मैंने। 


मिठास तो थी तुझमें मगर कभी घोला नहीं मैंने, 

कितने सच्चे अहसास थे तुझमें कभी तोला नहीं मैंने।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance