Kumar Vinod
Drama Tragedy
चंद आँसुओं से धुल नहीं सकती नाराज़गी मेरी,
तेरी पलकें धुल सकती हैं तेरे गुनाह नहीं।
जब तक ना होगा मेरे इक-२ ज़ख्म का हिसाब,
मेरी रहमतों में मिलने वाली तुझको पनाह नहीं।
होली स्पेशल
रंग-ए-उल्फत
तेरा नशा और ह...
True Intentio...
सादगी
मौसम और तुम
कामयाबी
नाराज़गी
गणतंत्र दिवस
पहली मुलाक़ात
दिन गुज़र रहे इस खिड़की के पास, हवाओं ने भी छोड़ दिया देना अब आस। दिन गुज़र रहे इस खिड़की के पास, हवाओं ने भी छोड़ दिया देना अब आस।
बना लिया अपना अलग घोंसला बना लिया अपना अलग घोंसला
उफान उठा दो दिलों में एक जैसा एक हाथ दूजे के हाथ में थम गया उफान उठा दो दिलों में एक जैसा एक हाथ दूजे के हाथ में थम गया
लालच की भनक भी इनमें न आ पायी, कड़ी धूप में ज़िन्दगी ने की इनकी खूब कुटाई। लालच की भनक भी इनमें न आ पायी, कड़ी धूप में ज़िन्दगी ने की इनकी खूब कुटाई।
तुम्हारे हैं तो खातिर दुनिया से मुंह मोड़ा था हमने तुम्हारे हैं तो खातिर दुनिया से मुंह मोड़ा था हमने
कंप्यूटर करवाया साथ में नौकरी भी दिलाई कंप्यूटर करवाया साथ में नौकरी भी दिलाई
इस जहाँ में कोई श्याम भी तो नहीं इसलिए कोई मीरा दीवानी नहीं इस जहाँ में कोई श्याम भी तो नहीं इसलिए कोई मीरा दीवानी नहीं
प्यार से होती है जन्नत प्यार है हमारी विरासत प्यार से होती है जन्नत प्यार है हमारी विरासत
बात अपनी हम ही जाने, तीसरा कोई नहीं, ये हमें मंजूर है पर क्या तुम्हें मंजूर है ? बात अपनी हम ही जाने, तीसरा कोई नहीं, ये हमें मंजूर है पर क्या तुम्हें मंजूर ह...
कभी बाहर की दुनिया से छुपना चाहते है अपने बिस्तर में कभी बाहर की दुनिया से छुपना चाहते है अपने बिस्तर में
महाशक्ति..महामाया, नारी तोह प्रेमपरायण अंतरभाव ! महाशक्ति..महामाया, नारी तोह प्रेमपरायण अंतरभाव !
तेरी उस मुस्कान के पीछे छुपा दर्द गर मैं जान गया होता तेरी उस मुस्कान के पीछे छुपा दर्द गर मैं जान गया होता
सफर से पहले हर किसी को आजमाना चाहिए। सफर से पहले हर किसी को आजमाना चाहिए।
खुशी में तुम्हारी चहचहाती रहूंगी, दुःख में तुम्हारे पलकें झुका लिया करूंगी, खुशी में तुम्हारी चहचहाती रहूंगी, दुःख में तुम्हारे पलकें झुका लिया करूंगी,
कब तक यूँ ही बस ख़ुद से ख़फ़ा होते रहोगे? कब तक यूँ ही बस ख़ुद से ख़फ़ा होते रहोगे?
गुल को गुलशन से बहार को चमन में बिखेर कर गुल को गुलशन से बहार को चमन में बिखेर कर
जो क़भी अपना था वो पराया हुआ हम थक हार गए हैं वो बेगाना हुआ। जो क़भी अपना था वो पराया हुआ हम थक हार गए हैं वो बेगाना हुआ।
बात का क्या अंत होगा, वो बात मैं समझ पाता नहीं बात का क्या अंत होगा, वो बात मैं समझ पाता नहीं
तू दौड़ के आजा बस जा मेरे दिल में। तू दौड़ के आजा बस जा मेरे दिल में।
बार बार मेरे पास जाया करती थी मेरे कहने से वो रात भी रुकती थी। बार बार मेरे पास जाया करती थी मेरे कहने से वो रात भी रुकती थी।