मीडिया
मीडिया
कभी कंगना कभी पायल, यहाँ पर शोर करती है।
दिखाती मीडिया दिन भर हमें अब बोर लगती है।
कई मुद्दे उभरते तो नही दिख पाते है इनको।
मगर बिन मुद्दों की खबरों से सबको बोर करती है।
कई राज्यों में फैली बाढ़ को अनदेखा कर डाले,
मगर मुम्बई की बारिश ये इन्हें घनघोर लगती है।
उड़ीसा बंग का तूफान लगता है इन्हें झोंका,
हवा मुम्बई की इनको आंधियों का शोर लगती है।
दिखाते है ये वो जिनसे मिले कुछ चार व्यूअर बस,
पता इनको नही कुछ भी हवा किस ओर बहती है।
नजर डालो जरा तुम देश के हालात पर अपनी।
किधर बस्ती उजड़ती है, खबर किस ओर चलती है।