STORYMIRROR

Rekha Rana

Drama

3  

Rekha Rana

Drama

महत्ता खेल की

महत्ता खेल की

1 min
149

पढोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, 

खेलोगे - कूदोगे तो होओगे खराब। 


आज तक यही पाठ नई पीढ़ी को पढाते रहे, 

उसी बरसों पुरानी लीक पर चलना सिखाते रहे। 


खेल अब सिर्फ.....नहीं रह गया खेल, 

बन गया है अब ये खेल और व्यापार का मेल। 


खिलाड़ी को खेल में सुनहरा भविष्य दिखता है, 

क्योंकि खिलाड़ी अब लाखों-करोड़ों में बिकता है। 


खेल व्यक्ति को नाम, पैसा, रुतबा दिलाता है, 

समाज में व्यक्ति को प्रतिष्ठित स्थान दिलाता है।


हाँ जी खेल कर खिलाड़ी नवाब सरीखे बन जाते हैं, 

इसीलिए तो पटौदी जैसे नवाब खिलाड़ी बन जाते हैं। 


खेल और खिलाड़ी का महत्व माँ-बाप समझ रहे हैं, 

और खेल के बारे में लोगों के विचार बदल रहे हैं। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama