महिला
महिला
"महिला हो महिला की तरह रहा करो"
हमेशा से यही सुनती आ रहीं हूँ।
और महिला की तरह रहना एक
महिला से ही सीखती जा रहीं हूँ।
बचपन में मां ने उठना, बैठना, बोलना सिखाया।
ससुराल में सासू माँ ने कर्तव्यों का पाठ पढ़ाया।
पर किसी भी महिला ने महिलाओं के
अधिकार से परिचित नहीं करवाया।
चलो अब हम ही ये नया आगाज करते है।
इस महिला दिवस पर सभी महिलाओं को
महिला होने का सम्मान देते है।
जैसे महिलाओं ने महिला के कर्तव्यों को
सिखलाया है।
वैसे ही अबसे उन्हें उनके अधिकारों का
भी भान कराते है।
