STORYMIRROR

D.N. Jha

Abstract Action

3  

D.N. Jha

Abstract Action

बसेरा

बसेरा

1 min
202

कभी सर्दी कभी गर्मी, कभी बादल घनेरा है।

तुम्हीं से चन्द्रमा सूरज, तुम्हीं से ही सवेरा है।


सभी का साथ है तेरा, दिलों में आप हैं हरदम-

जहां में वास है तेरा, यहाँ सबका बसेरा है। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract