परचम
परचम
हर जगह परचम लहराया
हर जगह लहराएंगे
दिव्यांग का अभिशाप नहीं
सबको यही बताएंगे
जहां भी नजर उठाओगे
कहीं ना कहीं हमें पाओगे
वक्त बीत गया था वह पुराना
नई जिंदगी है नया जमाना
हमारी भी सांसे चलती हैं
प्राण हीन नहीं यह काया
बस इतना सा समझाएंगे
हर जगह परचम लहराएंगे।
