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ललित सक्सैना

Action

3  

ललित सक्सैना

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सुकून

सुकून

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सुकून की चाहत में हम

कभी वक्त तो कभी किस्मत से लड़े है

उम्मीदें मेरी तमाम जाने कब बिखर गई

फिर भी जीने की जिद्द पे अड़े है

बेमकसद सी हो गई जिंदगी ये

हम कैसी तकलीफों में घिरे है

अब न दर्द होता है ना कोई खुशी है

हम तो मौत की दहलीज पर खड़े है।

सुकून की चाहत में हम

कभी वक्त से तो कभी किस्मत से लड़े है



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